मंगलवार, 20 अक्तूबर 2015

कामाख्या के रूप छथि मंगरौनी के बूढ़ी माई दुर्गा

मिथिला धरोहर : मधुबनी जिला सँ मात्र तीन किलोमीटर के दूरी पर राजनगर ब्लॉक के मंगरौनी ग्राम में 'बूढी माई दुर्गा स्थान' अछि। ( Budhi Maa Durga Mangrouni, Rajnagar ) मंगरौनी ग्राम मिथिला मे शक्ति उपासनाक केंद्र'क रूप मे प्राचीन काला सँ विख्यात रहल अछि। 

अहि मंदिर के स्थापना मिथिला के महान तांत्रिक मदन मोहन उपाध्याय द्वारा कायल गेल छल। कहल जाइत अछि जे पंडित जी प्रतिदिन आकाश मार्ग सँ भोरे मंगरौनी सँ कामरूप कामाख्या जाइत छलखिन आ दुपहरिआ धरि वापस आबि जाइत छलथि। माता प्रसन्न भअ पंडित जी के आशीर्वाद देलीह और हुनका मंगरौनी के अप्पन परिसर मे एक टा पोखरि खुनाबय लेल कहलनि, जाहि मे माता "यन्त्र" के रूप में प्रकट भेलीह और पंडित जी ओहि के पूजा करय लगलाह। यैह परिसर आय बूढी माई दुर्गा स्थानक रूप मे प्रसिद्द अछि। एतय तपस्वी आ साधक प्रत्येक साल शारदीय नवरात्र मे आबय अछि।

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कहल जाइत अछि जे एतय जे भगवती के रूप छथि ओ कामख्या के प्रतीक छथि। मानल जाइत अछि जे मिथिला के हृदयस्थल मधुबनी के बेनीपट्टी स्थित उच्चैठ भगवती, राजराजेश्वर शक्तिपीठ डोकहर आ बूढ़ी माई त्रिकोण बनय अछि, जे तांत्रिक संकेतक अछि। 

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मंदिर मे सामान्य पूजा'क संगे विशिष्ट तांत्रिक पंडित द्वारा भगवती के तांत्रिक विधि सँ पूजा कयल जाइत अछि। शारदीय नवरात्र मे देश -विदेश (नेपाल) के हजारों श्रद्धालु एतय माता के दर्शन लेल आबैत अछि। नवरात्र मे भगवती के २१ प्रकार'क अरहुल फूल सँ श्रृंगार कयल जाइत अछि। जे देखते बनय अछि।

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